आप दिल्ली में रहते हैं और हिंदी बोलते हैं? एविएशन ट्रेनिंग शुरू होती है।
दिल्ली में एविएशन उद्योग नई प्रतिभाओं की तलाश में है। यदि आप हिंदी बोलते हैं और लंबी अवधि की क्षमता वाली स्थिर नौकरी चाहते हैं, तो हवाई अड्डे का संचालन एक आदर्श मार्ग हो सकता है। सुलभ प्रशिक्षण कार्यक्रमों के साथ, यह बढ़ते क्षेत्र का पता लगाने और एविएशन में करियर की दिशा में पहला कदम उठाने का सही समय है।
दिल्ली के हवाई अड्डों को नए कर्मचारियों की आवश्यकता क्यों है?
भारत का विमानन उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है और दिल्ली इस विकास का केंद्र है। इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा एशिया के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक है। यात्रियों की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ रही है जिससे अधिक कर्मचारियों की मांग बढ़ी है। नए टर्मिनल्स का निर्माण और मौजूदा सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। कोविड के बाद हवाई यात्रा में तेजी से बहाली होने के कारण एयरलाइन्स और एयरपोर्ट ऑपरेटर्स सभी को प्रशिक्षित कर्मचारियों की तत्काल आवश्यकता है।
दिल्ली में विमानन क्षेत्र में किन प्रकार की नौकरियों की अधिक मांग है?
एविएशन सेक्टर में विभिन्न प्रकार के करियर ऑप्शन उपलब्ध हैं। ग्राउंड हैंडलिंग स्टाफ की सबसे अधिक मांग है जिसमें बैगेज हैंडलिंग, कार्गो ऑपरेशन्स और रैंप सर्विसेज शामिल हैं। एयरपोर्ट सिक्योरिटी परसोनल की आवश्यकता निरंतर रहती है। कस्टमर सर्विस रिप्रेजेंटेटिव, चेकइन काउंटर स्टाफ और फ्लाइट डिस्पैचर के पद भी लोकप्रिय हैं। एयर ट्रैफिक कंट्रोल, एविएशन मेंटेनेंस और केबिन क्रू जैसी स्पेशलाइज्ड भूमिकाएं भी अच्छे वेतन और करियर ग्रोथ के साथ आती हैं।
दिल्ली में विमानन प्रशिक्षण कार्यक्रम आपको वास्तविक नौकरियों के लिए कैसे तैयार करते हैं?
पेशेवर एविएशन प्रशिक्षण संस्थान व्यावहारिक और सिद्धांतिक दोनों प्रकार की शिक्षा प्रदान करते हैं। छात्रों को वास्तविक हवाई अड्डे का वातावरण दिखाया जाता है जहां वे लाइव ऑपरेशन्स देख सकते हैं। सिमुलेशन लैब में फ्लाइट ऑपरेशन्स की ट्रेनिंग दी जाती है। एयरक्राफ्ट सेफ्टी प्रोसीजर, बैगेज स्कैनिंग तकनीक और कस्टमर इंटरेक्शन स्किल्स पर विशेष फोकस होता है। कई इंस्टिट्यूट्स एयरलाइन्स और हवाई अड्डा ऑपरेटर्स के साथ पार्टनरशिप करके जॉब प्लेसमेंट की गारंटी भी देते हैं।
एविएशन ट्रेनिंग में प्रवेश की आवश्यकताएं क्या हैं?
अधिकांश एविएशन कोर्सेज के लिए 12वीं पास होना आवश्यक है। कुछ स्पेशलाइज्ड कोर्सेज के लिए ग्रेजुएशन की डिग्री चाहिए। उम्र सीमा आमतौर पर 18 से 27 वर्ष के बीच होती है। अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में बुनियादी संवाद कौशल आवश्यक है। शारीरिक फिटनेस और मेडिकल क्लीयरेंस भी जरूरी है। कुछ संस्थान एंट्रेंस टेस्ट भी लेते हैं जो बेसिक एप्टीट्यूड और कम्युनिकेशन स्किल्स को परखता है।
भारत में एविएशन इंडस्ट्री के अनूठे तथ्य और करियर टिप्स
भारत 2030 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा एविएशन मार्केट बनने की राह पर है। वर्तमान में देश में 450 से अधिक हवाई अड्डे हैं और अगले 10 वर्षों में यह संख्या दोगुनी होने की उम्मीद है। UDAN योजना के तहत छोटे शहरों में नए हवाई अड्डे बन रहे हैं जिससे रोजगार के अवसर ब